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इम्पेलर , इम्पेलर के प्रकार और इम्पेलर ब्लेड के प्रकार(Impeller , types of Impeller and types of impeller blade)

इम्पेलर ,इम्पेलर के प्रकार और इम्पेलर ब्लेड के प्रकार (Impeller , types of  Impeller and types of impeller blade)



दोस्तो इस ब्लॉग में हम पंप में उपयोग होने वाले इम्पेलर की परिभाषा, इम्पेलर के कार्य और इम्पेलर के प्रकार,इम्पेलर की वैन्स(Vanes) के प्रकार के बारे में जानेंगे।(नोट-यह ब्लॉग सेन्ट्रीफ्यूगल पंप से संबंधित इम्पेलर पर आधारित है)

इम्पेलर(Impeller)-इम्पेलर ,टर्बो मशीनरी(जैसे-सेन्ट्रीफ्यूगल पंप) का रोटेटिंग पार्ट है इस पर वैन्स/ब्लेड (Vanes/blades)होती है।इस प्रकार यह रोटेशन के द्वारा फ्लुड के दाब (pressure) और फ्लो को बढ़ाकर फ्लुड को डिस्चार्ज पॉइंट की ओर गति प्रदान करता है।

                            (Figure-A)
{This image from michael-smith-engineers.co.uk}

दोस्तो इम्पेलर ,इम्पेलर केसिंग के अंदर रहता है और इसी के अंदर घूमता है।इम्पेलर ,केसिंग के अंदर शाफ़्ट पर फिट रहता है।
                               (Figure-B)
       { This image from nuclear-power.net}

इम्पेलर का वर्गीकरण(Classification of impeller)-

(A)वैन्स(Vanes) कवरिंग(covering) के आधार पर  पंप (Centrifugal pump) में तीन प्रकार के इम्पेलर (Impeller) होते है।

(1)ओपन इम्पेलर(Open Impeller)

(2)सेमी ओपन इम्पेलर(Semi open impeller)

(3)क्लोज्ड इम्पेलर(Closed Impeller)


(1)ओपन इम्पेलर(Open Impeller)- ओपन इम्पेलर में वैन्स  (vanes) दोनों साइड पर फ्री होता है।इनके आसपास डिस्क(Disc ) का सपोर्ट नही रहता है।ये संरचनात्मक रूप से अन्य इम्पेलर की तुलना में कमजोर होते है।ओपन टाइप इम्पेलर का उपयोग अब्रेसिव लिक्विड(abrasive liquid) और सस्पेंडेड सॉलिड(suspended solid) के हैंडलिंग में होती है।
                       (Figure-C).                            {This image from nuclear-power.net}

                            (Figure-D)
{This image from indiamart.com}

(2)सेमी ओपन इम्पेलर(Semi open impeller)-इस प्रकार के इम्पेलर में वैन्स(vanes) एक साइड पर फ्री होती है और दूसरे साइड पर ईनक्लोज़(enclose) होती है।श्राउड के कारण इसका मेकैनिकल स्ट्रेंथ बढ़ जाता है।ओपन इम्पेलर की तुलना में इसकी एफिशिएंसी (efficiency) अधिक होती है।मध्यम व्यास वाले पंप में इनका उपयोग होता है।यह कम मात्रा में सस्पेंडेड ठोस(suspended solid) युक्त द्रव को हैंडल करता है।
                                   (Figure-E)
           {This image from indiamart.com}


रेसरक्यूलेशन(Recirculation ) और दूसरे क्षय (loses) को कम करने के लिए इम्पेलर केसिंग और वैन्स (vanes) के बीच कुछ क्लीयरेंस (clearance) होना चाहिए।

(3) क्लोज इम्पेलर (close impeller)-दो डिस्क (disc) के बीच वैन्स(vanes) स्थित होती है।ये सभी एक सिंगल कास्टिंग(single casting) में होते है।इनका उपयोग हाई एफिशिएंसी वाले बड़े पम्पो में होता है।इन पम्पो का नेट पॉजिटिव सक्शन हेड (Net positive suction head) कम होता है।
                                  (Figure-F)
        {This image from indiamart.com}


                                     
                         (Figure-G)
      {This image from indiamart.com}

क्लोज इम्पेलर वाले सेन्ट्रीफ्यूगल पंप का उपयोग साफ द्रव के हैंडलिंग में होता है।

क्लोज इम्पेलर बहुत एक्सपेंसिव और कॉम्प्लिकेटेड डिज़ाइन होता है।इसमें एडिशनल(additional) वियर रिंग (wear ring)का प्रयोग करते है।

(B)इम्पेलर के वैन्स(Vanes) से फ्लो(flow) के आधार पर वर्गीकरण-इस आधार पर तीन प्रकार के इम्पेलर होते है-

(1)एक्सीअल फ्लो इम्पेलर (Axial flow Impeller)

(2)रेडियल फ्लो एम्पेलर (Radial flow impeller)

(3)मिक्स्ड फ्लो इम्पेलर(mixed flow impeller)

(1)एक्सीअल फ्लो इम्पेलर(Axial flow Impeller)- एक्सीअल फ्लो इम्पेलर  वाले पंप ,शाफ़्ट के समांतर (Parallel) लिक्विड को गति प्रदान करते है।


       {This image from globalspec.com}

                                     (Figure-H)
       {This image from researchgate.net}

(2)रेडियल फ्लो इम्पेलर(Radial flow Impeller)-इसमें इम्पेलर के सेंटर से लिक्विड त्वरित(accelerate) होकर इम्पेलर की ब्लेड से समकोण(90')पर निकलकर पंप के शाफ़्ट के समांतर(parallel) गति करते है।


  
   (Figure-I)
{This image from engineersedge.com}



                                      (Figure-J)
           {This image from indiamart.com}

(3) मिक्स्ड फ्लो इम्पेलर(Mixed flow impeller)-इसमें इम्पेलर के द्वारा गतिशील लिक्विड(द्रव) में एक्सीअल(axial)फ्लो और रेडियल(Radial)फ्लो दोनों के गुण होते है।   ये पंप के शाफ़्ट से 90'से अधिक का  कोण(angle)बनाते हुए द्रव(liquid) को धकेलता(push)है। 
                                        (Figure-K)
         { This image from Indiamart.com}

(C)सक्शन बिंदुओं के संख्या के आधार पर(On the basis of number of suction point in pump)-इस आधार पर दो प्रकार के इम्पेलर होते है-

(1)सिंगल सक्शन इम्पेलर(Single suction Impeller)

(2)डबल सक्शन इम्पेलर(Double suction 
impeller)

(1)सिंगल सक्शन इम्पेलर(Single suction impeller)-इस प्रकार के इम्पेलर केवल एक डायरेक्शन से, ब्लेड के सेंटर से लिक्विड को प्रवेश की अनुमति देते है।
      (Figure-L )                                              {This image from indiamart.com}



(2) डबल सक्शन इम्पेलर(Double suction impeller)-इस प्रकार के इम्पेलर ,ब्लेड के सेंटर पर दोनों तरफ से लिक्विड को प्रवेश की अनुमती देते है।

           (Figure-M)
{This image from alibaba.com}


                                      ( Figure-N)
   {This image from engineersedge.com}


इम्पेलर पर बने ब्लेड के प्रकार(Types of blade on impeller)- सेन्ट्रीफ्यूगल पंप के इम्पेलर में मुख्य रूप से  तीन प्रकार के ब्लेड का उपयोग होता है।

(1) बैकवर्ड कर्व्ड ब्लेड(Back ward curved blades)

(2)फारवर्ड कर्व्ड ब्लेड(Farword curved blade)


(3)रेडियल टाइप ब्लेड(Radial type blade)-


(1)बैकवर्ड कर्व्ड ब्लेड(backward curved blade)-इस प्रकार के इम्पेलर में ब्लेड एंगल का मान(Value) 90' से कम होती है। यह इम्पेलर , मोटर को ओवरलोड से बचाता है।नीचे दिए गए डायग्राम से समझा जा सकता है।

                (Figure-O)
{From mechanicalengineeringblog.wordpress.com}


                                     (Figure-P)
     {This image from slideplayer.com }


(2)फारवर्ड  कर्वड ब्लेड(  Forward curved blade)-इस प्रकार के इम्पेलर में ब्लेड (Blade/vanes) एंगल की वैल्यू 90'से अधिक होती हैै।इस प्रकार के इम्पेलर का यरयोग करने पर एक लिमिट तक   डिसचार्ज बढ़ाने पर   मोटर पर लोड बढ़ता है।ऊपर दिए गए discharge-power required graph से समझ सकते है।
                                    (Figure-Q)
 {From centrifugalpumpskushisoku.blogspot.com}


(3)रेडियल टाइप ब्लेड(Radial type blade)-इस प्रकार के इम्पेलर में ब्लेड एंगल का मान 90' के बराबर रहता है।इसमें भी डिस्चार्ज बढ़ाने पर मोटर पर लोड बढ़ता जाता है।लेकिन एक समान रूप से बढ़ता है।

                              (Figure-R)
{ Image from processtechacademy.com}


इम्पेलर को बनाने में  प्रयुक्त  धातु /मटेरियल का चुनाव(Selection of metal/material for making impeller)-

पंप /इम्पेलर को बनाने के लिए प्रयुक्त पदार्थ का चुनाव निम्नलिखित कारको पर निर्भर करता है-

(1)प्रारंभिक कीमत(Inital cost)

(2)अनुमानित पंप लाइफ(Expected pump life)

(3)रुक रुक कर या लगातार कार्य(Intermittent or continuous work)

(4)लिक्विड की कंडीशन(condition of liquid hot/Cold)

(5)पंप सक्शन एनर्जी लेवल(Pump suction energy level)

(6) लिक्विड क्वालिटी हैज़ार्डस /टॉक्सिक/नॉर्मल(Liquid quality hazards/toxic/normal)

इम्पेलर को बनाने के लिए प्रयुक्त मटेरियल (Material for making impeller)-

इम्पेलर को बनाने के लिये कास्ट आयरन, ब्रॉन्ज़ और 300 सीरीज स्टेनलैस स्टील, 400 सीरीज स्टेनलैस स्टील,निकल एलुमिनियम ब्रॉन्ज़ का उपयोग किया जाता है।
आमतौर पर छोटे और सस्ते पंप में कास्ट आयरन का उपयोग करते है।

ब्रॉन्ज़ का corrosion resistance ,कास्ट आयरन से अधिक होता है और स्टेनलेस स्टील का corrosion resistance ब्रॉन्ज़ से अधिक होता है।

स्टेनलेस स्टील की corrosion resistance  और मजबूती बढ़ाने के लिए क्रोमियम(Cr),निकील(Ni) ,कार्बन(C) और मैंगनीज(Mn)का उपयोग किया जाता है।



मित्रो आगे के ब्लॉग में हम बेयरिंग और उसके प्रकार (Type) के बारे में चर्चा करेंगे।

                      ।।।।।नमस्कार।।।।।








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