कपलिंग की परिभाषा और कपलिंग के प्रकार (Definition of coupling and types of couplings)
दोस्तो इस ब्लॉग में हम जानेंगे-
(1) कपलिंग की परिभाषा
(2) कपलिंग के कार्य
(3) रिजिड कपलिंग के प्रकार
(4) फ्लेक्सिबल कपलिंग के प्रकार
(दोस्तो कपलिंग के प्रकार के बारे में किताबो का अध्ययन किया और गूगल में भी खोज करने के बाद कुछ दुविधा की स्थिति बनी थी।कुछ जगहों पर फ्लेक्सिबल कपलिंग के प्रकारो को सीधे बताया गया है और कुछ जगहों पर फ्लेक्सिबल कपलिंग को भी दो भागों में बांटा गया है।ये है -फ्लेक्सिबल मैटेलिक कपलिंग और फ्लेक्सिबल इलास्टोमर कपलिंग ।इसके बाद इनके प्रकारो को बताया गया है।मुझे यह बेहतर लगा और इसे ही आप लोग आगे इस ब्लॉग में पढ़ेंगे--कामनाशीष सरकार)
(Flange coupling)
{This image from grabcad.com}
कपलिंग के कार्य(Function of coupling)-
(1) पावर/टार्क(Power/torque)को एक शाफ़्ट से दूसरे शाफ्ट में स्थानांतरित (Transmit) करना।
(2)शाफ़्ट के मिस-एलाइनमेंट(Mis-alignment) को समायोजित (Accomodate) करना।
(3)शाफ़्ट की एक्सीअल मूवमेंट(Axial movement) को कॉम्पेनसेट (Compensate) करना।
(4) कपलिंग ,एक शाफ़्ट से दूसरे शाफ़्ट में शॉक लोड (Shock load) के ट्रांसमिशन को कम कर देता है।यह वाइब्रेशन(Vibration) को अवशोषित (Absorb) कर लेता है।
(5)यह शाफ्ट्स(Shafts) के बीच रिपेयरिंग के लिए डिस -कनेक्शन(Disconnection)प्रदान करता है ताकि रिपेरिंग के लिए ड्राइविंग पार्ट(Driving part) और ड्राइवेन पार्ट(Driven part)को अलग किया जा सके।
कपलिंग का वर्गीकरण (Classification of coupling)-
(1)रिजिड कपलिंग (Rigid coupling)
(2) फ्लेक्सिबल कपलिंग(Flexible coupling)
(1)रिजिड कपलिंग(Rigid coupling)-रिजिड कपलिंग का उपयोग उन जगहों पर होता है जहाँ पर दो शाफ़्ट के अक्ष (Axis) बिल्कुल सीध( perfect aligned) में होते है।
रिजिड कपलिंग के प्रकार(Types of rigid coupling) -रिजिड कपलिंग के तीन प्रकार है-
(i) मफ कपलिंग(Muff coupling)/स्लीव कपलिंग (Sleeve coupling)/ बॉक्स कपलिंग (Box
coupling)
(ii) स्प्लिट-मफ़ कपलिंग (Split muff coupling)/ कंप्रेशन कपलिंग (Compression coupling) / क्लैंप कपलिंग (Clamp coupling)
(iii) फ्लैंज कपलिंग(Flange coupling)
(i)मफ़ कपलिंग(Muff coupling)-इस कपलिंग को स्लीव कपलिंग या बॉक्स कपलिंग भी कहते है।
मफ़/स्लीव कपलिंग, रिजिड कपलिंग का सबसे सिंपल (Simplest) प्रकार है।यह खोखले सिलिंडर (Hollow cylinder) का बना होता है।इसका आंतरिक व्यास (Inner diameter),शाफ़्ट के व्यास(diameter) के बराबर होता है।
(Muff coupling-1)
{This image from indiamart.com}
(Muff coupling diagram-2)
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शक्ति(Power) का स्थानांतरण(Transmite) एक शाफ़्ट से दूसरे शाफ़्ट में मफ़ कपलिंग और गिब हेड कुन्जी(Gib head key) की मदद से होता है।
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मीडियम लोड और छोटे कम लोड के लिए इस कपलिंग का उपयोग करते है।
(ii)स्प्लिट मफ़ कपलिंग(Split muff coupling)-स्प्लिट मफ़ कपलिंग को कंप्रेशन कपलिंग या क्लैंप कपलिंग भी कहते है।यह रिजिड कपलिंग का एक प्रकार है।इस कपलिंग में स्लीव (Sleeve) दो अर्ध(half) भागो का बना होता है।मफ़ के दोनों आधे भाग कास्ट आयरन के बने होते है।एक भाग शाफ़्ट के नीचे और दूसरा भाग शाफ़्ट के ऊपर रख कर माइल्ड स्टील के स्टड(Stud) या बोल्ट -नट की मदद से दोनों आधे भागो को शाफ्ट्स के किनारों पर कस दिया जाता है।
(Split muff coupling diagram-1)
{This image from mechstuff.com}
नटो या बोल्ट की संख्या 4 या 8 होगी या 4 के गुनज(multiple) में होगी।
(Split muff coupling diagram-2)
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इस कपलिंग का उपयोग मध्यम स्पीड (Moderate speed) पर हैवी पावर ट्रांसमिशन(Heavy power transmission) के लिए होता है।
(iii)फ्लैंज कपलिंग(Flange coupling)-फ्लैंज कपलिंग ,रिजिड कपलिंग का एक प्रकार है जिसमे दो घुमने वालेे शाफ़्ट(Rotating shaft) के किनारों पर एक फ्लैंज फिक्स होता है।फ्लैंज को शाफ़्ट के किनारों पर कुंजी (key) की सहायता से फिक्स किया जाता है।
दोनों फ्लैंज (Flange) को नट-बोल्ट(Nut-bolt) की मदद से जोड़ दिया जाता है। नट-बोल्ट को फ्लैंज की पूरी परिधि (Circumference) में लगाते है।दोनों फलांजेस(Flanges) को नट-बोल्ट से जोड़कर एक कपलिंग बनता है । इसे ही फ्लैंज कपलिंग कहते है।
( Flange coupling -1)
{This image from researchgate.net}
आम तौर पर फ्लैंज कपलिंग का उपयोग दाबयुक्त पाइप प्रणाली( pressurise piping system) में पाइप्स (Pipes) को जोड़ने में होता है।
(Flange coupling diagram-2)
{This image from researchgate.net}
(ii)फ्लेक्सिबल कपलिंग(Flexible coupling)-फ्लेक्सिबल कपलिंग का उपयोग टॉर्क/पावर (torque/power ) को एक शाफ़्ट से दूसरे शाफ़्ट में स्थानांतरित (Transmit) करने में होता है।जहाँ दो शाफ़्ट के बीच थोड़ा सा(Slightly) कुसंरेखन (Misalignment) हो।यह कोणीय कुसंरेखन (Angular misalignment),अक्षीय कुसंरेखन (Axial misalignment) या समान्तर कुसंरेखन (Parallel misalignment) हो सकता है।
फ्लेक्सिबल कपलिंग का वर्गीकरण (Classification of flexible coupling)-फ्लेक्सिबल कपलिंग का वर्गीकरण दो प्रकार से किया जाता है-
(1)फ्लेक्सिबल इलास्टोमर कपलिंग (Flexible Elastomer coupling)
(2)फ्लेक्सिबल मेटालिक कपलिंग (Flexible metallic coupling)
(1)फ्लेक्सिबल इलास्टोमर कपलिंग(Flexible Elastomer coupling)-पावर ट्रांसमिशन (Power transmission) के लिए प्रयुक्त कपलिंग में धात्विक भागो (Metallic parts) के बीच में लोचदार भाग ( Elastic part) का उपयोग होता है।
फ्लेक्सिबल इलास्टोमर कपलिंग के प्रकार(Types of flexible elastomer coupling)-
(i)बुश पिन टाइप कपलिंग(Bush pin type coupling)
(ii)ओल्डहैम कपलिंग(Oldham coupling)
(iii)टायर कपलिंग(Tyre coupling)
(iv)जॉव कपलिंग (Jaw coupling)/स्पाइडर कपलिंग (Spider coupling)
(2)फ्लेक्सिबल मेटालिक कपलिंग(Flexible metallic coupling)-पावर ट्रांसमिशन के लिए इस तरह के कपलिंग में पूरी तरह से धात्विक भागों (Metallic parts) का उपयोग करते है।
फ्लेक्सिबल मेटालिक कपलिंग के प्रकार(Type of flexible metallic coupling)-
(i) यूनिवर्सल जॉइंट कपलिंग(Universal joint coupling)
(ii)डिस्क कपलिंग(Disc coupling)/डायफ्रॉम कपलिंग(Diaphragm coupling)
(iii)चैन कपलिंग(Chain coupling)
(iv)ग्रिड कपलिंग(Grid coupling)
(v)गियर कपलिंग(Gear coupling)-
(1)फ्लेक्सिबल इलास्टोमर कपलिंग के प्रकारो की व्याख्या(Explanation of types of flexible elastomer coupling)-
(i)बुश पिन टाइप कपलिंग (Bush pin type coupling)-बुश पिन कपलिंग, पावर ट्रांसमिशन मैकेनिकल कपलिंग है।इसका एक उदाहरण बुश पिन टाइप फ्लैंज कपलिंग है।यह शाफ़्ट के किनारों पर लगाया जाता है ताकि एक शाफ़्ट से दूसरे शाफ़्ट में पावर ट्रांसमिट हो सके।फ्लेक्सिबल बुश पिन टाइप कपलिंग में पिन ,कपलिंग बोल्ट की तरह काम करते है।
(Bush pin type flange coupling)
{This image from indiamart.com}
सामान्य फ्लैंज कपलिंग का परिष्कृत रूप(Modified form) बुश पिन टाइप फ्लैंज कपलिंग (Bush pin type flange coupling)है।
इसका उपयोग दो शाफ़्ट जिनमे थोड़ा improper mis-alignment ,को जोड़ने में होता है।इस प्रकार के कपलिंग में पिन होता है।पिन के ऊपर रबर/चमड़ा (Rubber/Leather) का बुश चढ़ा होता है। यह पिन कपलिंग बोल्ट की तरह काम करता है। दोनों फ्लैंज को जोड़ने के लिए पिन/ बोल्ट के साथ नट-वॉशर का उपयोग करते है।
(Bush pin type flange coupling diagram-2)
{This image from mechstuff.com}
इस कपलिंग का उपयोग ऐसे जगहो पर होता है जहाँ दो शाफ़्ट के बीच कोणीय कुसंरेखन ( angular misalignment),समान्तर कुसंरेखन(parallel misalignment ), अक्षीय कुसंरेखन(axial misalignment )हो।
रबर बुश मशीन आपरेशन (Operation)के दौरान शॉक्स(Shocks) और वाइब्रेशन(Vibration) को अवशोषित(absorb) कर लेते है।
बुश पिन टाइप फ्लैंज कपलिंग का अधिकतर उपयोग इलेक्ट्रिक मोटर और पंप/मशीन को जोड़ने में होता है।
(ii)ओल्डहैम कपलिंग (Oldham coupling)-ओल्डहैम कपलिंग तीन पीस (piece) का फ्लेक्सिबल (Flexible) शाफ़्ट कपलिंग है।इसका उपयोग ड्राइविंग शाफ़्ट (Driving shaft) और ड्रिवेन शाफ़्ट (Driven shaft) को मैकेनिकल पावर ट्रांसमिशन के लिए जोड़ने (connect) में होता है।बीच वाला पार्ट प्लास्टिक जैसे मटेरिअल का बना होता है।शेष दोनों भाग धातु के बने होते है।
(Oldham coupling -1)
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आपरेशन के दौरान (During operation) बिना किसी फिसलन (Backlash) के इसका उपयोग मिसअलाइन शाफ़्ट के बीच पावर/टॉर्क (Power/torque) के ट्रांसमिशन (Transmission) में होता हैं।
(Oldham coupling diagram -2)
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फ्लेक्सिबल शाफ़्ट कपलिंग का उपयोग जुड़ने वाले शाफ़्ट (Shaft) के बीच के मिसएलाइनमेंट (misalignment) को एडजस्ट (Adjust)करने में और कुछ जगहों पर जर्क /शॉक आब्जर्बर (Jerk/Shock abjorber) की तरह काम करता है।
{This image from grabcad.com}
(iii)टायर कपलिंग(Tyre coupling)-यह एक इलास्टिक कपलिंग (Elastic coupling) है।इसमें एक फ्लेक्सिबल एलिमेंट टायर होता है और दो अर्ध कपलिंग (Coupling halves) होते है जिसे हब(Hub) या फ्लैंज (flange)कहते है।
(Tyre coupling-1)
{This image from bosonengineers.co.in}
टायर कपलिंग एक फ्लेक्सिबल कपलिंग है इसलिए यह कंपन(Vibration) ,कोणीय कुसंरेखन(angle-misalignment) को कम(Reduce) करता है।
(Tyre coupling-2)
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(iv)जॉव कपलिंग(Jaw coupling)-जॉव कपलिंग (Jaw coupling) एक पावर ट्रांसमिशन के लिए उपतोग होने वाला कपलिंग है जिसकी मदद से दो शाफ्ट के बीच पावर/टार्क(Power/Torque) को ट्रांसमिट(Transmit) किया जाता है।इसका उपयोग गति नियंत्रण (motion control ) के अनुप्रयोग (Application) में होता है।
{This image from indiamart.com}
डैम्पिंग सिस्टम (Damping system) के द्वारा कंपन(Vibration) और मिस- एलाइनमेंट को समायोजित (Accomodate)किया जाता है जो दूसरे पुर्जो (Component)को क्षति(Demage) से बचाते है।
जॉव कपलिंग में भी टायर कपलिंग की तरह ही तीन मुख्य भाग(Main parts) होते है।इसमें दो धात्विक हब (Metallic hub) और एक इलास्टोमर (Elastomer) से बना हुआ पार्ट(Part)होता है जिसे सामान्यतया (Commonly) स्पाइडर(Spider) कहते है।ये तीनो भाग(Part) दबाब के साथ फिट रहते है।
स्पाइडर(Spider) के लोबस (Lobes) में हब (Hub) के जबड़े (Jaw),अल्टरनैटली(alternatly )फिट रहते है।
(Jaw coupling-2)
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जॉव कपलिंग(Jaw coupling) ,इलास्टोमर लोबस (Elastomer lobes) के द्वारा टार्क (Torque), स्थानांतरित (Transfer) करता है।
स्पाइडर का इलास्टोमर अलग -अलग पदार्थो का बनता है और अलग-अलग हार्डनेस(Hardness) में बनता है ताकि कपलिंग अपने वर्किंग कंडीशन (Working condition) के आधार पर बेहतर सर्विस (Service) दे सके।
(Spider of jaw coupling)
{This image from indiamart.com}
लवजोय(Lovejoy) कंपनी के द्वारा बनाया गया जॉव कपलिंग(Jaw coupling) को आमतौर पर लवजोय coupling(Lovjoy coupling) बोल दिया जाता है।पर वास्तव में यह जॉव कपलिंग(Jaw coupling)ही है।
(Jaw coupling)
{This image from indiamart.com}
(Jaw coupling of Lovejoy company)
{This image from couplinganswers.com}
फ्लेक्सिबल मैटेलिक कपलिंग के प्रकारो की व्याख्या(Explanation of types of flexible metallic coupling)-
(i) यूनिवर्सल जॉइंट कपलिंग(Universal joint coupling)-यह दो रोटेटिंग शाफ़्ट(Rotating shaft) के बीच पॉजिटिव मैकेनिकल कनेक्शन है जो सामान्यतया समान्तर (parallel) नही होती है बल्कि
इंटरसेक्टिंग(Interersecting) होती है।
एक उपयोग गति(motion) या पावर(power) को स्थानांतरित(Transmit) करने में होता है।
यूनिवर्सल जॉइंट का कॉमन और साधारण प्रकार हुक जॉइंट/कार्डन जॉइंट (Hook joint/cardan joint) कहलाता है।
(Universal joint coupling-1) {This image from indiamart.com}
(Universal joint coupling diagram-2)
{This image-
- From machine-drawing.blogspot.com}
(ii)डिस्क कपलिंग(Disc coupling)-डिस्क कपलिंग को डायफ्रॉम कपलिंग भी कहते है।डिस्क कपलिंग ड्राइविंग से ड्रिवेन बोल्ट में एक कॉमन बोल्ट सर्किल (Common bolt circle) में स्पर्शरेखीय (Tengentially) ,टार्क(Torque) को स्थानांतरित (Transmit)करता है।
(Disc coupling diagram-1)
{This image from couplinganswers.com}
असेम्बल्ड(assembled),पतले(thin) स्टेनलैस स्टील डिस्क के श्रृंखला(Series) के द्वारा बोल्ट के बीच टार्क (Torque) स्थानान्तरित(Transmit) किया जाता है।
डिस्क कपलिंग ,हाई परफॉर्मेंस मोशन कंट्रोल कपलिंग (Motion control coupling)है।
(Disc coupling diagram-2)
{This image from machinedesign.com}
इसके द्वारा शाफ़्ट के मिस-एलाइनमेंट को समायोजित (Accomodate) किया जाता है। हाई टार्क लोड (High torque load) पर यह कपलिंग (torsionally strong )होते है ।पर इसके साथ फ्लेक्सिबल भी होते है।
(Disc coupling diagram-3)
{This image from revolutionptc.com}
(iii ) चैन कपलिंग(Chain coupling)-चैन कपलिंग का उपयोग दो शाफ़्ट कर बीच पावर को स्थानांतरित (Transmit) करने में होता है।एक कम्पलीट चैन कपलिंग में दो हब(Hub) और एक कपलिंग चैन(Coupling chain) होता है जो बाहर से देखने पर डबल रोलर चैन(double roller chain) की तरह दिखता है।एक कवर की तरह भी दिखता है।
(Chain coupling figure-1)
{This image from indiamart.com}
चैन कपलिंग का सामान्यतया उपयोग कम स्पीड(Low R P M) और हाई टार्क(High torque) के लिए किया जाता है।शाफ़्ट के बीच 2 डिग्री तक का मिस-एलाइनमेंट एडजस्ट(Adjust) किया जाता है।
(Chain coupling figure-2)
{This image from nishient.com}
चैन कपलिंग शाफ़्ट के बीच पावर ट्रांसमिशन का एक किफायती तरीका (Economical way)है।
(Chain coupling figure -3)
{This image from directindustry.com}
(iv) ग्रिड कपलिंग(Grid coupling)-ग्रिड कपलिंग में दो हब(Hub),एक ग्रिड स्प्रिंग एलिमेंट,एक स्प्लिट कवर किट शामिल(Comprise) है।ग्रिड कपलिंग हॉरिजोंटल स्प्लिट कवर या वर्टिकल स्प्लिट कवर के साथ आता है।
{This image from drivesystems.com.au}
स्प्लिट कवर किट में दो अर्ध कवर (Two cover halves),गेस्किट(Gaskit),सील्स(Seals) और हार्डवेयर होता है।
(Grid coupling figure-2)
{This image from alibaba.com}
(Grid coupling figure -3)
{This image from indiamart.com}
ग्रिड स्प्रिंग एलिमेंट ,इम्पैक्ट एनर्जी को अब्सॉर्ब कर लेता है।इस प्रकार यह पीक लोड के मैग्नीट्यूड को कम कर देता है।
(v) गियर कपलिंग(Gear coupling)-गियर कपलिंग तीन पीस का फ्लेक्सिबल शाफ़्ट कपलिंग है।इसका उपयोग ड्राइविंग शाफ़्ट और ड्रिवेन शाफ़्ट के बीच मैकेनिकल पावर /टार्क ट्रांसमिशन में होता है जहाँ दोनों शाफ़्ट संरेख (collinear )नही होते है।
इसमें typically दो फ्लेक्सिबल जॉइंट्स होते है जिसमे से एक प्रत्येक शाफ़्ट में फिक्स होता है जो स्पिंडल (Spindle) या थर्ड शाफ़्ट(Third shaft) से जुड़ा रहता है।
(Gear coupling figure -ko op1)
{ This image from ameridrives.com}
गियर कपलिंग, होइएस्ट मैकेनिज्म(Hoiest mechanism) में ड्राइव मोटर को गियर बॉक्स(Gear box) से जोड़ता है।परन्तु यह गियर बॉक्स को डिरेक्टली(Directly) स्मॉलर वायर ड्रम(Smaller wire drum) से ,फ्लैंजड हाफ(flanged half)की मदद से जोड़ सकता है।
(Gear coupling figure -2)
{This image from indiamart.com}
यह कोणीय(angular),रेडियल( radial),अक्षीय(axial )शाफ़्ट मिस एलाइनमेंट (shaft misalignment) को समायोजित (Compansate) करता है।
(Gear coupling diagram-3)
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गियर कपलिंग ,हब में लगे क्राउनड गियर टीथ (crowned gear teeth) के मदद से टॉर्क ट्रांसमिट करता है जो कि स्लीव (sleeve )के straight gear teeth के साथ परमानेंट मैश(permanent mesh ) में होते है।
(Gear coupling diagram-4)
{Image from brighthubengineering.com}
गियर कपलिंग की डिज़ाइन इस प्रकार है कि इस में सबसे छोटे आकार(smallest size) में अधिकतम टॉर्क(highest torque) ट्रांसमिट किया जाता है।
(Gear coupling diagram -5)
{This image from slideshare.net}
दोस्तो आगे के टॉपिक में हम लोग स्नेहक (lubricant) की परिभाषा ,स्नेहक के कार्य और स्नेहक के प्रकार के बारे में अध्ययन करेंगे।
।।।नमस्कार।।।
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