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बेयरिंग और बेयरिंग के प्रकार(Bearing and types of bearings)

बेयरिंग और बेयरिंग के प्रकार (Bearing and types of bearings)


दोस्तो इस ब्लॉग में हम बेयरिंग की परिभाषा  ,बेयरिंग के प्रकार, बॉल बेयरिंग के प्रकार और रोलर बेयरिंग के प्रकार के बारे में अध्ययन करेंगे।

बेयरिंग की परिभाषा(Definition of bearing)-
जब दो मशीन पार्ट्स के बीच रिलेटिव मोशन(Relative motion) होता है और एक पार्ट ,दूसरे पार्ट को सपोर्ट करता है तब सपोर्टिंग मेंबर(Supporting member) बेयरिंग(Bearing) कहलाता है।यह किसी भी मशीन का बहुत ही महत्वपूर्ण भाग(part) होता है।यह गतिशील भागो(moving parts) के बीच घर्षण(Friction) कम करता है।

बेयरिंग के कार्य(Function of bearing)-


(i)यह लोड को वहन(Bear) करता है।

(ii)यह गतिशील भाग(Moving part) को current position पर लोकेट(Locate) करता है।

(iii) यह शाफ़्ट के अनावश्यक(necessary)गति को कम करता है।

(iv) यह फ्रिक्शन(Friction) को कम करके  गतिशील भाग (moving part) को फ्री मोशन (Free motion) प्रदान करता है।


(नोट-दोस्तो बेयरिंग के प्रकार,एन्टी फ्रिक्शन बेयरिंग के प्रकार,फ्रिक्शन बेयरिंग के प्रकार,रोलर बेयरिंग के प्रकार और बॉल बेयरिंग के प्रकार अलग -अलग किताबो में अलग अलग दिया गया है।गूगल में सर्च करने पर भी अलग अलग ब्लॉग में अलग अलग प्रकार बताये गए है।मुझे जो बेहतर लगा उसे मैं इस ब्लॉग में लिख रहा हूँ।)


बेयरिंग के प्रकार(Types of bearing)-बेयरिंग को फ्रिक्शन (Friction) के आधार पर दो भागों में बांटा गया है-

(1) एन्टी फ्रिक्शन बेयरिंग(Anti friction bearing)

(2)फ्रिक्शन बेयरिंग(Friction bearing)

(1)एन्टी फ्रिक्शन बेयरिंग(Anti friction bearing)-एन्टी फ्रिक्शन बेयरिंग में रोटेटिंग एलिमेंट (Rotating element)होता है।यह रोटेटिंग एलिमेंट ,रोटेटिंग फ्रिक्शन (Rotating friction) को कम (Reduce) करता है।


एन्टी फ्रिक्शन बेयरिंग के प्र koकार(Types of anti friction bearings)-यह बेयरिंग दो प्रकार का होता है।

(1) बॉल बेयरिंग(Ball bearing)

(2) रोलर बेयरिंग(Roller bearing)

(1)बॉल बेयरिंग(Ball bearing)-जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है बॉल बेयरिंग में रोटेटिंग एलिमेंट ,बॉल(बॉल) के समान गोल होती है।

आमतौर पर ये radial लोड और thrust  लोड दोनों को handle कर सकते है।
                 (Ball bearing diagram)

रोलर बेयरिंग की तुलना में बॉल बेयरिंग कम लोड वहन करते है।यह बेयरिंग कम लोड पर और अधिक RPM पर use होते है।(Ball bearing cross section area diagram)

अधिकतर पंप और छोटे मोटर में इसे use करते है।यह कम शोर(noise ) उत्पन्न करता है।

बॉल बेयरिंग के प्रकार(Types of ball bearing)-
बॉल बेयरिंग के 5 प्रकार बताये गए है-

(I)सिंगल रो डीप ग्रूव बॉल बेयरिंग(Single row deep groove ball bearing)

(ii)डबल रो डीप ग्रूव बॉल बेयरिंग(Double row deep groove ball bearing)

(iii)एंगुलर कांटेक्ट बॉल बेयरिंग(Angular contact ball bearing)

(iv)सेल्फ अलाइन बॉल बेयरिंग(Self align ball bearing)

(v)थ्रस्ट बॉल बेयरिंग(Thrust ball bearing)

(नोट -दोस्तो शॉर्ट कट में हम बॉल बेयरिंग के प्रकारो को याद कर सकते है-SDAST

S- single row deep ball bearing
D- Double row deep ball bearing
A- Angular contact ball bearing
S- Self align ball bearing
T- Thrust ball bearing)

(i)सिंगल रो डीप ग्रूव बॉल बेयरिंग(Single row deep groove ball bearing)-इसमें inner और outer में single goove बने होते है।इसमें ball रोटेट(Rotate) करती है



ये 6000, 6200, 6300 के सीरीज में होते है। इनका उपयोग high speed रेडियल लोड के लिए होता है।
एक उपयोग अधिकतर पंप और small motor में होता है।
    (Single row deep groove ball bearing)


(ii) डबल रो डीप ग्रूव बॉल बेयरिंग(Double row deep groove ball bearing)-इस बेयरिंग में  inner और outer में दो ग्रूव बने होते है जिसमे बॉल रोटेट (Rotate) होती है।

   (C.S. diagram double row ball bearing )

डबल रो बेयरिंग ,सिंगल रो बेयरिंग की तुलना में अधिक लोड सहन (Handle) करते है,परन्तु Double row के कारण इनकी मोटाई ( thikness) बढ़ जाती है।
     (Double row deep groove ball bearing)


(iii)एंगुलर कांटेक्ट बॉल बेयरिंग(Angular contact ball bearing)-इस बेयरिंग का उपयोग हाई रेडियल लोड ( radial load) और हाई एक्सीअल लोड(Axial load) के लिए किया जाता है।

(Single row angular contact ball bearing )


यह बेयरिंग तीव्र गति ( high speed )के लिए भी उपयोग(Use) होता है।

यह बेयरिंग सिंगल रो( single row) और डबल रो(Double row) दोनों सीरीज(Series) में आते है।
(Double row angular contact ball bearing )


(iv) सेल्फ अलाइन बॉल बेयरिंग(Self align ball bearing)-यह बेयरिंग, जहाँ पर shaft alignment  या बेयरिंग हाउसिंग(Bearing housing) परफेक्ट न हो ,वहाँ use करते है।थोड़ी सी मिस-एलाइनमेंट(mis -alignment)होने पर यह बेयरिंग उसे स्वतः adjust कर देती है।                    (Self align ball bearing)

(v)थ्रस्ट बॉल बेयरिंग(Thrust ball bearing)-इस बेयरिंग का उपयोग थ्रस्ट लोड(Thrust load)के किये किया जाता है।
अगर एंगल लोफ 45'से अधिक है तो एंगुलर कांटेक्ट बेयरिंग (Angular contact bearing), थ्रस्ट बेयरिंग (Thrust bearing) के अंतर्गत आता है।

                  (Thrust ball bearing)


(2)रोलर बेयरिंग(Roller bearing)-इस बेयरिंग में रोटेटिंग एलिमेंट(Rotating element) रोलर(Roller) होता है।

रोलर का पृष्ठ क्षेत्रफ़ल (Surface area) बॉल की तुलना में अधिक होने से रोलर बेयरिंग अधिक लोड को वहन कर सकते है।
                 (Roller bearing diagram 1)


इसका उपयोग  रेडियल लोड(Radial load) के लिये होता है।

                  (Roller bearing diagram 2)

इसका उपयोग हैवी साइज मोटर , हैवी साइज पंप, सेन्ट्रीफ्यूगल ब्लोअर (Centrifugal blower) में होता है।

      (Roller bearing schematic diagram )


रोलर बेयरिंग के प्रकार(Types of roller bearings)- रोलर बेयरिंग के पांच प्रकार बताये गए है-

(i)सेल्फ अलाइन रोलर बेयरिंग(Self align roller bearing)

(ii)टेपर रोलर बेयरिंग(Taper roller bearing)

(iii)स्फेरिकल रोलर बेयरिंग(Spherical roller bearing)

(iv)नीडल रोलर बेयरिंग(Needle roller bearing)


(V) सिलिन्द्रीकल रोलर बेयरिंग(Cylindrical roller bearing)

[नोट - दोस्तो रोलर बेयरिंग के प्रकार को हम शार्ट कट में याद कर सकते है-STSNC

S- Self align roller bearing
T- Taper roller bearing
S- Spherical roller bearing
N- Needle roller bearing
C- Cylindrical roller bearing]

(I)सेल्फ अलाइन रोलर बेयरिंग(Self align roller bearing)-सेल्फ अलाइन रोलर बेयरिंग का उपयोग हाई रेडियल लोड(high radial load) के लिए होता है जहाँ शाफ़्ट हल्का सा मिस अलाइन(mis-align) होता है।
यह बेयरिंग शाफ़्ट के मिस- एलाइनमेंट को स्वतः handle कर लेती है।इस बेयरिंग का उपयोग हाई RPM के लिए भी करते है।
               (Self align roller bearing)


(ii)टेपर रोलर बेयरिंग(Taper roller bearing)-टेपर बेयरिंग का उपयोग रेडियल(Radial) लोड और एक्सीअल लोड(Axial load) के लिए किया जाता है।
इनर रेस(Inner race) ,आउटर रेस(Outer race),रोलर की शेप(shape) टेपर होती है।
         (Single rowTaper roller bearing)


गियर बॉक्स,व्हील बेयरिंग,एग्रीकल्चर मशीनरी में इस बेयरिंग का उपयोग किया जाता है।
          (Double row taper roller bearing)


(iii)स्फेरिकल रोलर बेयरिंग(Spherical roller bearing)-इस बेयरिंग की रेडियल (radial) और एक्सीअल(Axial) लोड लेने की कैपेसिटी बहुत अधिक होती है।हाई स्पीड के लिए इस बेयरिंग का उपयोग करते है।

             (Spherical roller bearing)


कम मिस-एलाइनमेंट होने पर यह सेल्फ अलाइन बेयरिंग(Self align bearing) की तरह काम करता है।
इसका उपयोग गियर बॉक्स, कन्वेयर में होता है।ये डबल रो सीरीज(Double row series) में आते है।

(iv)नीडल रोलर बेयरिंग(Needle roller bearing)-इस प्रकार के बेयरिंग में छोटे व्यास(Small diameter) और अधिक लंबाई(Long length)के सीलिन्द्रिकल रोलर(cylindrical roller) का उपयोग होता है।रोटेटिंग एलिमेंट के रूप में रोलर का उपयोग होता है।रोलर का सरफेस एरिया(Surface area) ,बॉल से अधिक होता है,इसलिए यह बेयरिंग,बॉल बेयरिंग से अधिक लोड हैंडल करता है।
                   (Needle roller bearing)


इस बेयरिंग का उपयोग ऑटोमोबाइल कॉम्पोनेन्ट और कंप्रेसर में होता है।
                   (Needle roller bearing)


(v)सिलिन्द्रीकल रोलर बेयरिंग(Cylindrical roller bearing)-इसका उपयोग हाई रेडियल लोड के लिए किया जाता है।यह तीन प्रकार का होता है-

(i) Single row
(ii) Double row
(iii) vertical row
     (Single row cylindrical roller bearing)


Cylindrical रोलर बेयरिंग का उपयोग हैवी साइज मोटर और हैवी साइज पंप में होता है।
   (Double row cylindrical roller bearing)

(2)फ्रिक्शन बेयरिंग(Friction bearing)-इस प्रकार के बेयरिंग में रोटेटिंग एलिमेंट नही होता है।इसे प्लेन बेयरिंग (Plain bearing) या स्लाइडिंग बेयरिंग (Sliding bearing ) भी कहते है।

फ्रिक्शन बेयरिंग के प्रकार(Type of friction bearing)-फ्रिक्शन बेयरिंग के चार प्रकार दिए गए है-

(i) बुश टाइप बेयरिंग(Bush type bearing)

(ii) जौरनल टाइप बेयरिंग(Journal type bearing)

(iii) स्लीव टाइप बेयरिंग(Sleeve type bearing)

(iv) कंपोजीट टाइप बेयरिंग(Composite type bearing)


(i)बुश टाइप बेयरिंग(Bush type bearing)-बुश एक स्वतंत्र प्लेन बेयरिंग(Plain bearing) है।इसको हाउसिंग के अंदर इन्सर्ट(Insert) किया जाता है।यह रोटरी एप्लीकेशन के लिए बेयरिंग सरफेस(Bearing surface) प्रदान करता है।
                (Bush type bearing)

(ii) जौरनल टाइप बेयरिंग(Journal type bearing)-
यह अधिक व्यास (Larger diameter) के सिलिन्द्रीकल कैविटी (Cylindrical cavity) के अंदर सीलिन्द्रिकल शाफ़्ट है।                     (Journal Type bearing)


Cylindrical cavity और cylindrical shaft के बीच के गैप में द्रव स्नेहक (Liquid lubricant) भरा होता है।


(iii) स्लीव टाइप बेयरिंग(Sleev type bearing)-स्लीव बेयरिंग दो पार्ट्स के बीच लीनियर मोशन(Linear motion) को सुविधा प्रदान करता है।

स्लीव बेयरिंग ,मेटल ,प्लास्टिक या फाइबर रेंफोर्सड से मिलकर बना होता है।स्लाइडिंग मोशन कर रहे दो मोविंग पार्ट्स के बीच फ्रिक्शन को absorb करके vibration और noise को कम कर देते है।                    (Sleeve type bearing)



इसके कई लाभ है-कम कीमत, easy installation, कम स्पीड पर noise को कम करना, कम maintenance।


(iv)कम्पोजिट टाइप बेयरिंग(Composite type bearing)-corrosion resistance और high load पर स्थायित्व(Durability) के कारण इसका उपयोग automotive में हिन्ज सिस्टम (Hinge system) में किया जाता है।ये light weight होता है।
               (Composite type bearing)



            (Composite type bearing)




दोस्तो आगे के ब्लॉग में हम  कपलिंग और कपलिंग के प्रकार के बारे में अध्ययन करेंगे।

                   ।।।।।।नमस्कार।।।।।।







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