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छात्र की उच्च माध्यमिक(high school)तक की पढ़ाई बेहतरीन क्यों होनी चाहिए ?


  छात्र की उच्च माध्यमिक(high school)तक की पढ़ाई बेहतरीन क्यों होनी चाहिए ?


दोस्तो विद्यालय या विश्वविद्यालय में व्यक्ति पढ़ने जाता हैं।कोचिंग करने भी जाता है।पर दोस्तो जिस विद्यार्थी की प्राथमिक शिक्षा बेहतरीन तरीके से हुई है।वह विद्यार्थी आगे की उच्चतर माध्यमिक विद्यालय और आगे विश्वविद्यालय स्तर की परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन करते है।                         

दोस्तो प्राथमिक विद्यालय (primary स्कूल) कक्षा-पांचवी (class-5) तक मानी जाती है।प्राथमिक विद्यालय में पढ़ने के दौरान बच्चा अपनी किसी भी विषय के मूलभूत अक्षरों शब्दो और अंको के बारे में सीखता है।दोस्तो मैं हिंदी माध्यम का छात्र था।हमारे समय में मेरे गृह स्थान- बरगवां(तहसील-देवसर,जिला-सिंगरौली म.प्र) में इंग्लिश मीडियम की स्कूल नही थी।सरस्वती शिशु मंदिर विद्यालय में पढ़ते थे। दोस्तो मैं हिंदी मीडियम का था।मैंने ककहरा सीखा, हिंदी और इंग्लिश गिनती सीखी, अंग्रेजी और हिंदी वर्णमाला लिखना और पढ़ना सीखा ।


          (This image from dreamstime.com)



दोस्तो अब थोड़ा पढ़ाई के माध्यम से संबंधित थोड़ी चर्चा कर लेते है।दोस्तो यदि कोई हिंदी मीडियम का है तो अंग्रेजी विषय(subject) के अलावा सभी विषय हिंदी भाषा मे लिखे होंगे।यदि कोई इंग्लिश मीडियम का है तो हिंदी विषय(subject) के अलावा सभी विषय(subject)  अंग्रेजी भाषा(English language)में लिखे होंगे।इसी प्रकार यदि कोई बांग्ला मीडियम का हैं तो अंग्रेजी विषय और हिन्दी विषय के अलावा सभी विषय बँगला में ही लिखे रहते हैं।इस प्रकार हम कह सकते है कि हमारे यहाँ भारत मे या अन्य देशों में भी अधिकतर विषयो को क्षेत्रीय भाषा (regional language) में लिखा और पढ़ा जाता है।  

 

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                              हिंदी वर्णमाला
   (This image from meaningInHindi.net)
                          

                                   
                            

                            बंगला वर्णमाला
         (This image from print rest.com)




                         अंग्रेजी वर्णमाला
        (This image from Amazon .In)        
 



प्रारम्भिक शिक्षा में अपनी क्षेत्रीय भाषा को लिखने के लिये बच्चे को वर्णमाला(alphabet) लिखना और पढ़ना सीखना पड़ता है। अंगेजी भाषा को समझने कर लिए अंग्रेजी वर्णमाला(English alphabet) सीखना पड़ता है। गणित (mathematics) को हल करने के लिए अंग्रेजी गिनती और अपने क्षेत्रीय भाषा (regional language) की गिनती को सीखना पड़ता है।बच्चो के छात्र जीवन की शुरुआत यही से होती हैं।
                         
दोस्तो हाई स्कूल तक की पढ़ाई जिस छात्र की बेहतरीन तरीके से हो जाये चाहे वह किसी भी मीडियम का विद्यार्थी हो ।वह अधिकतर प्रतियोगी परीक्षाओं में अच्छा प्रदर्शन करते है क्योकि आगे प्रतियोगी परीक्षाओ का कोई भी टॉपिक चाहे वह गणित का हो या फिजिक्स का हो या कैमेस्ट्री का हो या जीव विज्ञान का हो या हिंदी का हो।छात्र उस टॉपिक को बहुत जल्दी समझ जाता है और जो छात्र जूनून के साथ मेहनत करते है।वह सफल हो जाते है।


                (This image from onsizzle.com)                     


                                  गणित
.     (This image from colourbox.com)




                
 निष्कर्ष-छात्रों की   हाई   स्कूल तक की   पढ़ाई    बेहतरीन तरीके से होनी   चाहिए।माध्यम से अधिक फर्क  नही पड़ता है।जो छात्र पढ़ने में मजबूत हैं।वे अन्य माध्यम मेंं भी   जैसे अंग्रेजी माध्यम में    भी प्रतियोगी परीक्षा       उत्तीर्ण   कर लेेते  हैै।ऐसे छात्र     उच्चतर माध्यमिक और  महाविद्यालय की परीक्षाओ    में भी अच्छा        प्रदर्शन करते है।


                   (This image from ndtv.com)                  



       
                         ------!! नमस्कार !!-------                                            


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