क्या आत्मनिरीक्षण जरूरी है?(Is introspection necessary?)
जीवन मे कई ऐसे समय या पल आते हैं।जब हमे आत्म निरीक्षण की जरूरत पड़ती हैं।दोस्तो जब हम जीवन मे कई बार या बार बार असफल होते हैं या मन मुताबिक काम न हो रहा हो।मन मे अविश्वास ,मन मे हीन भावना उत्तपन्न हो रही हो। तब यह समय आता हैं कि हम आत्मनिरीक्षण करें।
दोस्तो जीवन मे उतार - चढ़ाव आता रहता हैं।दोस्तो आप लोगो ने भी अनुभव किया होगा कि परिस्थितियां हमारे मन मुताबिक हर समय नही होती हैं।ये हमेशा बदलती रहती हैं। जब तक आपके मन मुताबिक काम होता हैं।तब तक आप खुश रहते हैं।आप में उत्साह बना रहता हैं।
दोस्तो जब हमारे मन मुताबिक काम नही होता हैं तब हमारे अंदर असन्तोष उत्तपन्न होता हैं।बार बार की असफलता आपके अंदर हीन भावना को पैदा कर सकता हैं। यह आपके अंदर के ऊर्जा को सकारात्मक से नकारात्मक ऊर्जा में बदल देती हैं जो आपके अंदर हमेशा नकारात्मक विचारों को जन्म देता हैं।।
दोस्तो नकारात्मक विचार आपके अंदर हमेशा निराशा का संचार करता हैं।यह आपकी ऊर्जा को कम करता रहता हैं।
दोस्तो जब हमें ऐसा लगे कि जीवन मे हमारे मुताबिक कुछ भी सही नही हो रहा हैं।हम बार बार असफल हो रहे हैं।तब हमें आत्मनिरीक्षण की जरूरत हैं।हमें तब यह निरीक्षण करना चाहिए कि क्या हमारे मुताबिक काम नही हो रहा हैं इसका जिम्मेदार पूरी तरह से हम हैं? यदि हम है तो उसमें जो भी सुधार हम कर सकते हैं ।वे सभी हमे करना चाहिए।यदि इसमे हम जिममेदार नही हैं।तब इसका अफसोस नही करना चाहिए ।समय कुछ गुजरने देना चाहिए।सही समय का इंतजार करना चाहिए।
दोस्तों हमे आत्म निरीक्षण के लिए कुछ समय एकांत में रहना चाहिए।मेडिटेशन करना चाहिए। भगवान ,अल्लाह ,खुदा, जो भी अपने धर्म के अनुसार भगवान हैं ।उनका ध्यान करना चाहिए।मन मे ये सकारात्मक विचार बार बार लाना चाहिए कि ईश्वर हम सभी आपके अधीन है।आपके के इच्छा से दुनिया चलती हैं। हम काम करते हैं ।बार बार असफल होते हैं।निश्चय ही आप हमारी परीक्षा ले रहे हों।पर हम सफल जरूर होंगें ।समय एक दिन हमारा जरूर होगा।हम जीतेंगे ,हम सफल होंगे।
दोस्तो आत्म निरीक्षण आपके अंदर की कमियों को उजागर करता हैं।फिर आप अपने खामियों को दूर करने का प्रयास करिये।धैर्य रखिये।आत्म विश्वास बनाये रखिये। आत्मबल को हमेेशा बनाये रखिये।।
।।।नमस्कार।।।
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