वोट बैंक की राजनीति देश के लिए एक कैंसर(politics for vote bank is a cancer for country)
दोस्तो देश मे कई ऐसे नियम कानून हैं जो कि आजादी के समय बनाये गए और इसमें 10 से 15 साल में एक रिव्यु करके इसमे सुधार या इन नियमो को बदलने का प्रावधान था।लेकिन आजादी के 74 साल के बाद भी हमारे भारत में यह नियम जस के तस बने हुए है।इसका सबसे बड़ा कारण वोट बैंक की राजनीति हैं।
इस समय एक गर्म मुद्दा है जातिगत आरक्षण का हैं।आजादी के समय की परिस्थितियां अलग थी ।उस समय छुआछूत भेदभाव बहुत अधिक था।इसलिए बाबा साहेब अंबेडकर ने दलितों के जीवन स्तर में सुधार के लिए जातिगत आरक्षण को लागू किया ताकि उन्हें हर क्षेत्र में आरक्षण मिले और उनके जीवन स्तर में सुधार हो।लेेेकिन अब परिस्थितियां अलग है।आज आर्थिक आधार पर आरक्षण की जरूरत हैं।
आज इस जातिगत आरक्षण पर विचार और सुधार की जरूरत हैं।आज आर्थिक आधार पर आरक्षण की दरकार हैं ताकी सामान्य वर्ग के गरीबो को भी कुछ शासकीय सहूलियत मिल सके।लेकिन इस विषय पर चर्चा से सरकारों को डर लगता है कि कही वोट बैंक घट न जाये।
मैं मानता हूँ कि जातिगत आरक्षण को चिकित्सा क्षेत्र में नौकरी,शिक्षा क्षेत्र मे नौकरी से हटा देना चाहिये।जो 80 प्रतिशत अंक प्राप्त करके डॉक्टर बना है उसके स्थान पर 40 प्रतिशत अंक प्राप्त करके डॉक्टर बनने वाले व्यक्ति को जाति के आधार पर नौकरी दे दी जाती हैं।ठीक इसी प्रकार शिक्षा के क्षेत्र में भी हैं।यदि अधिक योग्य व्यक्ति केवल सामान्य जाति के कारण शिक्षक नही बन पाता हैं और 40 प्रतिशत वाला व्यक्ति शिक्षक बन जाता हैं तो ऐसे विद्यालयों के विद्यार्थियों का भविष्य तो ठीक नही हैं।यहाँ केवल योग्यता के आधार पर नियुक्तियां होनी चाहिए।
यही कारण है कि योग्य डॉक्टर, इंजीनियर, शिक्षक, वैज्ञानिक हमारे देश को छोड़ कर विदेश चले जाते हैं।उनकी प्रतिभा का मान सम्मान हम नही कर पाते हैं।अमेरिका ब्रिटेन में अधिकतर डॉक्टर,इंजीनियर,वैज्ञानिक भारतीय हैं।
मैं चिकित्सा और शिक्षा के क्षेत्र में जातिगत आधार पर नौकरियों में भर्ती का पूर्ण विरोध करता हूं ।केवल योग्यता के आधार पर नियुक्तियों का समर्थन करता हूँ। मैं आर्थिक आधार पर आरक्षण का समर्थन करता हूँ । दोस्तो यह कहा जाए कि गरीबी जाति देखकर नही आती हैं तो यह अतिशयोक्ति नही होगी।
दोस्तो हमने केवल जातिगत आरक्षण का केवल उदाहरण दिया हैं।इसके साथ साथ देश मे अभी कई ऐसे नियम कानून व निर्णय है जिसमे बदलाव या सुधार की जरूरत हैं लेकिन इस वोट बैंक की राजनीति के कारण नही हो पा रहा हैं।
यह वोट बैंक की राजनीति देश के लिए कैंसर हैं।राजनीतिक पार्टियों को वोट बैंक की राजनीति से ऊपर उठ कर देश हित मे कठोर निर्णय लेने पड़ेंगे।।
।।नमस्कार।।
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