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जीवन का लक्ष्य(Aim of life)





दोस्तो जीवन मे लक्ष्य का होना बहुत ही आवश्यक हैं।बिना लक्ष्य का जीवन तो जानवरो सा जीवन हैं क्योंकि जानवर अपने भोजन और बच्चे पैदा करना ,इसके अलावा उनका कोई लक्ष्य नही होता हैं, लेकिन मनुष्य जो कि पृथ्वी का सर्वोच्च जीव हैं।उसने यदि  बिना लक्ष्य ,बिना उद्देश्य का अपना जीवन पृथ्वी पर समाप्त कर दिया तो यह जीवन जानवरो के समान हैं।                                       
दोस्तो जीवन में लक्ष्यों को कई तरह से परिभाषित कर सकते हैं।लक्ष्य के कई प्रकार भी माने जा सकता हैं।(1)व्यक्तिगत लक्ष्य (2) सामूहिक लक्ष्य।                   

 (1) व्यक्तिगत लक्ष्य-व्यक्तिगत लक्ष्य एक अकेले व्यक्ति का लक्ष्य होता है जिसमे व्यक्ति अपने जीवन भर में कई लक्ष्यों का निर्धारण करता हैं और एक के बाद एक लक्ष्य को हासिल करने का प्रयास करता हैं।दोस्तो जीवन मे हर समय किसी न किसी लक्ष्य का होना मानव की व्यस्तता के लिए और उन्नति के लिए आवश्यक हैं।         

दोस्तो कुछ उदाहरण से हम समझते है कि व्यक्तिगत लक्ष्य में क्या क्या हो सकता हैं?दोस्तो मनुष्य जब जन्म लेता हैं तो सबसे पहला  लक्ष्य दूध को पाना रहता हैं क्योंकि बच्चे को भूख लगती हैं।बच्चा चल नही पाता है  तो वह 1 साल के अंदर चलने की कोशिश करता हैं ।    विद्यालय जाने पर कक्षा में प्रथम स्थान पाने का लक्ष्य होता हैं।यदि पढ़ाई पूरी हो गई हो तो नौकरी पाने या व्यबसाय को सही ढंग से चलाने    का लक्ष्य होता हैं।   जो भी जिस जिस क्षेत्र में होते हैं वहाँ वे प्रथम स्थान पर रहने की कोशिश करते हैं।


      

         
                       
 (2)सामूहिक लक्ष्य-दोस्तो सामुहिक लक्ष्य में कई लोग मिल कर एक लक्ष्य को प्राप्त करने का प्रयास करते हैं।।      दोस्तो सामूहिक लक्ष्य  को हम कुछ उदाहरणों से समझ सकते हैं, जैसे कि मैं एक प्राइवेट कंपनी रिलायंस सासन कोल् माइन्स में जॉब करता हूं।यहाँ हर साल प्रोडक्शन का एक टारगेट निर्धारित होता है जिसमे सभी आपरेशन टीम, मेंटेनेन्स टीम   उस टारगेट को एक साल में निर्धारित तारीख से पहले प्राप्त करने की कोशिश करते हैं।इसी प्रकार हम राजनीतिक पार्टीयो के चुनाव को भी ले सकते हैं जिसमे नीचे से लेकर ऊपर तक कई लोग चुनाव में सामूहिक रूप से किसी एक प्रत्याशी को जीताने के लिए मेहनत करते हैं।यह भी सामूहिक लक्ष्य का एक उदाहरण हैं। 

 

     

                                 
 निष्कर्ष-दोस्तो जीवन मे हर    समय किसी न    किसी लक्ष्य    का होना आवश्यक हैं।  इससे  मानव    व्यस्त रहता हैं। जीवन में कई मूलभूत लक्ष्यो की प्राप्ति होती  हैं जो आने वाली पीढ़ी या समाज या देश के लिए  हितकर हो सकता हैं, इसीलिए दोस्तो जीवन मे हर समय  कोई न कोई     लक्ष्य    अवश्य होना चाहिए।----//कामनाशीष सरकार//



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