पर्यावरण प्रदूषण की समस्या (Environment pollution problem)
दोस्तो प्रदूषण की समस्या एक बड़ी समस्या के रूप में उभर कर आ रही हैं।प्रदूषण की समस्या एक वैश्विक समस्या हैं।आज जिस ग्लोबल वार्मिंग की चर्चा होती हैं।यह भी पर्यावरण प्रदूषण के कारण ही हैं।प्रदूषण तीन प्रकार के हैं-(1) जल प्रदूषण (2) वायु प्रदूषण (3) थल प्रदूषण
(1)जल प्रदूषण(water pollution)-जल प्रदूषण फैक्ट्रियों से निकलने वाले रसायन युक्त जल के कारण होता हैं ।यह जल सीधे नदी या तालाब में जाकर मिलता हैं जो बाद में समुद्र में जाकर मिल जाता हैं।घरो से और सीवेज से निकला पानी सीधे नदी- तालाब में मिल जाता हैं।लोग जो कि खुले में शौच करते हैं।बरसात के पानी के साथ ये सभी नदी और तालाब के जल के साथ मिल जाते हैं।
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दोस्तो इसके निवारण के लिए फैक्ट्रियों से निकलने वाला पानी purify होने के बाद ही नदी मे छोड़ा जाये।सीवेज के लिए ट्रीटमेन्ट प्लांट लगाए जाएं।खुले में शौच पर प्रतिबंध लगाया जाए।जुर्माना लगाया जाये।गांव में काफी लोग ऐसे भी है जो घर मे शौचालय होने के बावजूद खुले में शौच ज्यादा पसंद करते हैं।इन पर शख्ती बरती जाये।
(2)वायु प्रदूषण(Air pollution)-दोस्तो वायु प्रदूषण के कारण हवा में नाइट्रोजन आक्साइड, सल्फर आक्साइड,कार्बन मोनोऑक्साइड,कार्बन डाई आक्साइड की मात्रा बढ़ती जा रही हैं।इनके उत्सर्जन के मुख्य स्रोत हैं-फैक्ट्रियां,मोटर,वाहनों से निकलने वाला धुँआ।
दोस्तो इसके निवारण के लिये हम गैस से चलने वाले वाहन का उपयोग कर सकते हैं।हम इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग कर सकते है।फैक्टरियों से निकलने वाले धुंए को purify करने के बाद हवा में छोड़ें। अधिक से अधिक पेड़ लगाए।
(3)थल प्रदूषण(soil pollution)-दोस्तो थल प्रदूषण वास्तव में मिट्टि या भूमि का प्रदूषण हैं।इसमे घरेलू और उद्योगों से निकलने वाला कचरा शामिल हैं।जो भी कचरा निकलता हैं।उसे biodegradeble और non biodegradable में अलग अलग करके कचरे के डब्बे में डाले।biodegradable material मिट्टी में सड़ जाती हैं। non biodegradable material मिट्टी में सड़ता नही हैं।इसका रीसाइक्लिंग करके दोबारा उपयोग कर सकते हैं।
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दोस्तो थल प्रदूषण को कम करने के लिए हमे नॉन biodegradable पदार्थो के recycling पर अधिक जोर देना होगा और biodegradable पदार्थों को खाद में बदल सकते है।कुछ पदार्थो को मिट्टी के नीचे दबा सकते हैं। ये पदार्थ मिट्टी के नीचे गल जाएंगे।।
दोस्तो अंत मे इतना ही कि हमे जागरूक होना पड़ेगा।हर बात हर काम के लिए केवल सरकार पर आरोप नही लगाया जा सकता हैं।हमें भी पर्यावरण प्रदूषण को कम करने के लििये ईमानदारी के साथ अपनी जिम्मेदारी को निभाना होगा।
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