भारतीय संविधान निर्माण की कहानी ( संविधान सभा के गठन से लेकर सविंधान लागू होने तक)
दोस्तो हम निम्नलिखित बिंदुओं के आधार पर इस टॉपिक का अध्ययन करेंगे-
(1) संविधान का अर्थ और परिभाषा
(2) संविधान निर्माण की आवश्यकता
(3) आजादी के पहले संविधान निर्माण के लिए प्रयास
(4) आजादी के बाद संविधान निर्माण के लिए प्रयास
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(5) संविधान सभा ,इसके अध्यक्ष और इसके कार्य
(6)प्रारूप समिति ,इसके अध्यक्ष और इसके कार्य
(7)संविधान की मूल प्रति के लेखक
(8) संविधान लिखने में लगा समय
(9) संविधान को लागू करने के लिए हस्ताक्षर करने वाले सदस्यो की संख्या
(10)संविधान के मूल प्रति में अनुसूचियां और अनुच्छेद और भाग
(11) संविधान में वर्तमान में अनुसूचियां और अनुच्छेद और भाग है
(12) संविधान दिवस
(13)संविधान लागू करने के लिए 26 जनवरी को ही चुनने का कारण
【मातृ-भूमि भारत】
(1)संविधान का अर्थ और परिभाषा- संविधान दो शब्दों सम और विधान से मिलकर बना है।सम का मतलब है -समान ।विधान का मतलब है -नियम ।
इस प्रकार संविधान का मतलब है समान नियम जो कि सभी नागरिकों ,सभी कार्यपालिकाओ और सभी न्यायपालिकाओ पर समान रूप से लागू हो ताकि देश विकास के पथ पर आगे बढ़ता रहे।किसी के साथ अन्याय न हो।किसी के अधिकारों का हनन न हो।
किसी भी देश या संस्था द्वारा निर्धारित किये गए नियम जिनके माध्यम से उस देश या संस्था का सुचारू रूप से संचालन हो सके, उस देश या संस्था का संविधान कहलाता है।
(2)संविधान निर्माण की आवश्यकता-किसी देश की शासन व्यवस्था कैसी होगी,सरकार का चयन कैसे किया जाएगा, शक्तियों का वितरण कैसे होगा,न्यायिक प्रक्रिया कैसी होगी,नागरिकों को अधिकार कौन कौन से दिए जायेंगे, नागरिकों और सरकार के देश के प्रति क्या कर्त्तव्य होंगे।इन सभी चीजों को निर्धारित करने के लिए जिन नियमो और कानूनों की आवश्यकता पड़ती है।इन सभी कानूनों के समुच्चय या संग्रह को संविधान कहते है।
(3) आजादी के पहले संविधान निर्माण के लिए प्रयास-द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति के बाद जुलाई 1945 में ब्रिटेन ने भारत संबंधित अपनी नई नीति की घोषणा की तथा भारत की संविधान सभा के निर्माण के लिए एक कैबिनेट मिशन भारत भेजा जिसमे तीन मंत्री थे।
आगे चलकर भारतीय संविधान सभा के लिए जुलाई 1946 में चुनाव हुए।389 सदस्यों में से प्रान्तों के लिए 296 सदस्यों के लिए चुनाव हुए। कांग्रेस के 208, मुस्लिम लीग के 73, व 15 अन्य दलो के और स्वतंत्र उम्मीदवार निर्वाचित हुए।
9 दिसम्बर 1946 को संविधान सभा की पहली बैठक हुई। सभा के सबसे बुजुर्ग सदस्य सच्चिदानंद सिन्हा को सभा का अस्थायी अध्यक्ष चुना गया।मुस्लिम लीग ने बैठक का बहिष्कार किया।पाकिस्तान के लिए अलग संविधान की मांग की।
इसके बाद संविधान सभा की कार्यवाही 13 दिसंबर 1946 को जवाहर लाल नेहरू द्वारा पेश किये गये उद्देश्य प्रस्ताव के साथ प्रारंभ हुई।बातों का दौर चलता रहा।
14 अगस्त 1947 को पाकिस्तान एक अलग देश बन गया।भारत एक अलग देश बन गया।15 अगस्त को भारत को भी एक अलग देश का दर्जा मिल गया।इस कारण संविधान सभा भी दो हिस्सों में बट गया-भारत की संविधान सभा और पाकिस्तान की संविधान सभा।
(4)आजादी के बाद संविधान निर्माण का प्रयास-आजादी के बाद भारतीय संविधान सभा मे 299 सदस्य थे।
आजादी मिलते ही देश को चलाने के लिए संविधान बनाने की दिशा में काम शुरू कर दिया गया।इसी कड़ी में 29 अगस्त 1947 को संविधान सभा ने एक संकल्प पारित करके प्रारूप समिति का गठन किया।डॉ भीमराव अंबेडकर इस समिति के अध्यक्ष थे।इसमें सात सदस्य थे जिनके नाम है-(१) भीमराव अंबेडकर (२)एन. गोपाल आयंगर (३)अल्लादी कृष्णा स्वामी अय्यर (४)कन्हैयालाल माणिकलाल मुंशी (५)बी एल मित्रा(६)डी. पी. खेतान (७) सैय्यद मोहम्मद सदुल्लाह
पर कुछ समय के बाद बी एल मित्रा के जगह पर एन माधवराव और डी.पी. खेतान की जगह टी. टी. कृष्णामाचारी को सदस्य बनाया गया।
दुनिया के तमाम संविधानों का बारीकी से अध्ययन करने के बाद डॉ अम्बेडकर ने भारतीय संविधान का प्रारूप तैयार किया। 26 नवम्बर 1949 को इसे भारतीय संविधान सभा के समक्ष लाया गया।इसी दिन संविधान सभा ने इसे अपना लिया।यही वजह है कि देश हर साल 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाता है। 26 जनवरी 1950 को इसे देश मे लागू कर दिया गया, इसलिए 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है।
(5)सविंधान सभा ,इसके अध्यक्ष और कार्य-सविंधान सभा का गठन जुलाई 1946 में किया गया।इसके अस्थायी अध्यक्ष सच्चिदानंद सिन्हा थे।संविधान सभा के स्थायी सदस्य डॉ राजेन्द्र प्रसाद थे।
।। डॉ. राजेन्द्र प्रसाद।।
आजादी के पहले संविधान सभा में 389 सदस्य थे परन्तु आजादी के बाद इसमें 299 सदस्य थे।
(6)प्रारूप समिति,अध्यक्ष और कार्य-संविधान सभा ने संविधान निर्माण के कार्य को तेजी से करने के लिए 22 समितियां बनाई ।इनमे से 8 मुख्य समितियां थी।इन 8 समितियों में से एक प्रारूप समिति था।
29 अगस्त 1947 को संविधान का मसौदा तैयार करने के लिए प्रारूप समिति का गठन किया गया।इस प्रारूप समिति के अध्यक्ष डॉ भीमराव अंबेडकर थे।
प्रारूप या मसौदा बनाने में समिति को दो साल से अधिक का समय लगा। प्रारूप को 26 नवम्बर 1949 को संविधान सभा के सामने पेश किया गया। बाद में 26 जनवरी 1950 को संविधान देश मे लागू कर दिया गया।
(7) संविधान के मूल प्रति की भाषा और लेखक- भारतीय संविधान की मूल प्रति हिंदी और अंग्रेजी दोनों में ही हस्तलिखित है।संविधान की मूल प्रति में टाइपिंग या प्रिंट का उपयोग नही किया गया है।
संविधान की मूल प्रति को हिंदी और अंग्रेजी दोनों ही भाषाओ में प्रेम बिहारी नारायण रायजादा ने लिखा था।रायजादा का खानदानी पेशा कैलीग्राफी था।इन्होंने 303 नंबर के 254 पेन निब का प्रयोग किया था।हर पेज को सुंदर तरीके से इटैलिक में लिखा गया है।सविंधान के मूल प्रति को लिखने में छः माह का समय लगा।
।। प्रेम बिहारी नारायण रायजादा।।
संविधान तो रायजादा जी ने लिखा परन्तु उन्होंने मेहनताना नही लिया।इसमें भी एक रोचक बात है।मेहनताना पूछे जाने पर रायजादा जी ने शर्त रखी कि मैं मेहनताना नही लूंगा।बस संविधान के हर पृष्ठ पर अपना नाम लिखेंगे और अंतिम पृष्ठ पर अपने नाम के साथ दादाजी का नाम लिखेंगे।
भारतीय संविधान के मूल प्रति के हर पेज को आचार्य नंदलाल बोस ने चित्रों से सजाया है।
भारतीय संविधान के मूल प्रति के प्रस्तावना पेज को सजाने का काम राम मनोहर सिन्हा ने किया।राम मनोहर सिन्हा ,नंदलाल बोस के शिष्य थे।
भारतीय संविधान की मूलप्रति आज भी भारतीय संसद की लाइब्रेरी में हीलियम से भरे बॉक्स में रखी गई है।
(9)संविधान को लागू करने के लिए हस्ताक्षर करने वाले सदस्यों की संख्या- 24 जनवरी 1950 को संविधान सभा के 284 सदस्यों ने सविंधान पर हस्ताक्षर किए। 26 जनवरी 1950 को संविधान देश मे लागू हो गया।
(नोट-हस्ताक्षर करने वाले सदस्यों की संख्या को लेकर दो आंकड़े आमने आ रहे है कहीं पर 308 सदस्य लिखा है और कही पर 284 सदस्यों का जिक्र है।)
(10) संविधान के मूल प्रति में अनुच्छेद ,अनुसूचियां और भाग- भारतीय संविधान के मूल प्रति में 395 अनुच्छेद जो कि 22 भागो में विभाजित है ।इसमें केवल 8 अनुसूचियां है।
(11) वर्तमान में संविधान में अनुच्छेद,अनुसूचियां और भाग- वर्तमान में 470अनुच्छेद है जो कि 25 भागो में विभाजित है।इसमें 12 अनुसूचियां है।
(नोट-वर्तमान अनुच्छेदों की संख्या कुछ जगहों पर 470 है और कुछ जगहों पर 465 है कुछ जगह पर 448 भी है।भागो की संख्या कुछ जगह पर 25 और कुछ जगह पर 22 है।)
(12)संविधान दिवस-प्रारूप समिति के अध्यक्ष डॉ भीमराव अम्बेडकर ने 26 नवम्बर 1949 को संविधान का मसौदा ,संविधान सभा के सामने पेश कर दिया ।इसी दिन संविधान सभा ने इसे स्वीकार कर लिया,।इसीलिए हर साल 26 नवम्बर को हमारे देश भारत में इस दिन को संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है।
(13) संविधान लागू करने के लिए 26 जनवरी को ही चुनने का कारण-
26 जनवरी 1950 को , भारत में ब्रिटिशशासन द्वारा निर्मित भारत सरकार अधिनियम 1935 को हटाकर ,नया और सबसे लंबा हस्तलिखित संविधान देश में लागू हो गया, इसलिए 26 जनवरी को पूरे देश में गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है।
26 जनवरी का दिन इसलिए चुना गया क्योंकि 26 जनवरी सन 1930 को ,भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने ,भारत को पूर्ण स्वराज घोषित किया था।
आज हम 72वां गणतंत्र दिवस मना रहे है।
आज इस सविंधान को बनाने वाले सभी सदस्यों को,डॉ राजेन्द्र प्रसाद, डॉ भीमराव अंबेडकर, प्रेम बिहारी नारायण रायजादा जी,नंदलाल बोस जी , राम मनोहर सिन्हा जी सभी को जिन्होंने संविधान निर्माण के महान कार्य में योगदान दिया हैं। आज हमारे बीच नही है।उन सभी को शत शत नमन करता हूँ।
।।जय सविंधान, जय भारत।।
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